अश्वत्थ का अर्थ
[ ashevteth ]
अश्वत्थ उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- एक प्रसिद्ध बड़ा वृक्ष जो हिंदुओं तथा बौद्धों में बहुत पवित्र माना जाता है:"वह सुबह नहा-धोकर पीपल में जल देता है"
पर्याय: पीपल, पिप्पल, पीपर, क्षीरद्रुम, महाद्रुम, चैत्यक, अश्वश्थ, चैत्यतरु, चैत्यद्रुम, चैत्यवृक्ष, वन्यवृक्ष, नंदकि, नन्दकि, पादचत्वर, शुचिद्रुम, अमृता, महाबला, नागबंधु, नागबन्धु, धर्मवृक्ष, वातरंग, केशवालय, कुंजराशन, कुञ्जराशन, चलपत्र, श्रीमत्, श्रीमान्, प्रियंगु, प्रियङ्गु, प्रियंगू, प्रियङ्गू, बादरंग, बादरङ्ग, वासुदेव, अद्रिजा, देवावास, प्लक्ष
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- पंचदेव वृक्षों में अश्वत्थ का स्थान सर्वोपरि है।
- अश्वत्थ राक्षस उसे साधारण विप्र समझकर निगल गया।
- पीपल को संस्कृत में अश्वत्थ कहा जाता है।
- संस्कृत में अश्वत्थ को ‘पिप्पल ' कहते हैं ।
- अश्वत्थ : सर्ववृक्षाणां देवर्षीणां च नारद : ।
- अश्वत्थ विद्या का मूल रस-बल का तारतम्य है।
- अश्वत्थ वृक्ष को ' बोधि वृक्ष' कहा जाता है।
- अश्वत्थ पीपल के वृक्ष का ही एक नाम है।
- अश्वत्थ : पूजितोयत्र पूजिता : सर्व देवता : ।
- अश्वत्थ व्रत अनुष्ठान से कन्या अखण्ड सौभाग्य पाती है।