चैत्यवृक्ष का अर्थ
[ chaiteyverikes ]
चैत्यवृक्ष उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- पच्चीस से तीस फुट ऊँचा एक सदाहरित पेड़ जिसकी पत्तियाँ आम की पत्तियों की तरह लंबी होती हैं:"अशोक पूरे भारत में पाया जाता है"
पर्याय: अशोक, अशोक वृक्ष, शिंशपा, शिंशुपा, हेमपुष्प, हेम पुष्प, तामृपवल्लव, मंजरीक, चैत्यतरु, चैत्यद्रुम, पुष्पपिंड, पुष्पपिण्ड, दोहली, रोगितरु, केलिक, कामुक, रक्तपल्लव, ताम्रपल्लव, रागी - एक प्रसिद्ध बड़ा वृक्ष जो हिंदुओं तथा बौद्धों में बहुत पवित्र माना जाता है:"वह सुबह नहा-धोकर पीपल में जल देता है"
पर्याय: पीपल, पिप्पल, पीपर, क्षीरद्रुम, महाद्रुम, चैत्यक, अश्वश्थ, चैत्यतरु, चैत्यद्रुम, वन्यवृक्ष, नंदकि, नन्दकि, पादचत्वर, शुचिद्रुम, अमृता, महाबला, नागबंधु, नागबन्धु, धर्मवृक्ष, वातरंग, केशवालय, कुंजराशन, कुञ्जराशन, चलपत्र, श्रीमत्, श्रीमान्, प्रियंगु, प्रियङ्गु, प्रियंगू, प्रियङ्गू, बादरंग, बादरङ्ग, अश्वत्थ, वासुदेव, अद्रिजा, देवावास, प्लक्ष
उदाहरण वाक्य
- चैत्यवृक्ष से ही वृक्षपूजा और वृक्षमह का
- पहले को चैत्यवृक्ष और दूसरे को चैत्यस्तूप कहा जाता
- कठघरे के अंदर एक वृक्ष दर्शाया गया है , जिससे चैत्यवृक्ष और
- पाँचवी मंजिल से सोलहवीं मंजिल तक अधोलोक , एवं उर्ध्वलोक , देव विमान , शाश्वत चैत्यालय एवं चैत्यवृक्ष , इन्द्रसभा आदि की रचना है।
- इस जिनालय के चारों ओर चैत्यवृक्ष , कल्पवृक्ष , सरोवर , कूप , बावडियाँ और मठ बनवाए और चैत्य के बाहर भगवान ऋषभदेव का एक ऊंचा रत्नजड़ित स्तूप और इस स्तूप के आगे दूसरे भाइयों के भी स्तूप बनवाए।