ऊर्णनाभ का अर्थ
[ oorennaabh ]
ऊर्णनाभ उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञाउदाहरण वाक्य
- ऊर्णनाभ जानबूझ कर चेतना के धरातल पर यह मूल्य नहीं देता , ऐसा हम कह सकते हैं ..
- अंजलि , अराल, अर्धचन्द्र, भ्रमर, हंसास्यम् , हंसपक्ष, कपितक, कर्तरीमुख, कटक, कटकमुख, मृगशीर्ष, मुद्राख्या, मुकुल, मुकुर, मुष्टि, ऊर्णनाभ, पल्लव, पताका, सर्पसिरस् , शिखर, सूचिमुख, शुकतुण्ड, त्रिपताका, वर्धमानक ।
- देखकर मुदित हुए ‘जय हो हे ऊर्णनाभ ' - कहकर झट चलते बने नहीं देखा मुड़कर पीछे… अगली साँस खींच वह अनुपस्थित पुरखा कहीं निगल ले फिर से उन्हें अगली ही साँस में
- उनका कमरा एक बेटे के संसार से दूसरे बेटे के संसार में आने जाने का गलियारा था , या यह कि केशरमाँ का कमरा उन दो संसारों के बीच झूलता ऊर्णनाभ का एक झोला था।
- संस्कृत की कवयित्री विज्जिका कहती हैं प्रणय परिणय प्रीति सम्भोग का वास्तविक परिचय तो ऊर्णनाभ यानी मकड़ा देता है , क्योंकि जब मादा ऊर्ण नाभ सुख की चरम स्थिति में होती है , तो वह मकड़े का सर काट कर खा जाती है , वस्तुतः यही है प्रेम का मूल्य , जिसे प्रेमी हौसले से देता है -