दिव्य-पुरुष का अर्थ
[ divey-purus ]
दिव्य-पुरुष उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- वह व्यक्ति जो लौकिक न हो, बल्कि जिसके स्वर्गीय होने की कल्पना की गयी हो:"देवी, देवता आदि दिव्य-पुरुष हैं"
पर्याय: दिव्य पुरुष, दिव्यपुरुष
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- लोगों ने उस दिव्य-पुरुष को सिर-आँखों पर बैठा लिया।
- वह दिव्य-पुरुष लोगों की इस हरकत से बहुत परेशान हो रहा था।
- इस बार भी भगवान ने एक और दिव्य-पुरुष पृथ्वी पर भेज दिया।
- इस तरह लोग बार-बार प्रार्थना करते और भगवान हर बार एक दिव्य-पुरुष भेज देते।
- तभी उन्होंने देखा कि एक दिव्य-पुरुष वहीं खड़ा एकटक गंगा को निहार रहा है।
- अन्ततः भगवान को उन पर तरस आ गया और उन्होंने एक दिव्य-पुरुष पृथ्वी पर भेज दिया।
- तब भगवान ने मन-ही-मन कहा , ‘ इसबार तुम लोग जितनी मर्जी फूल-मालाएं चढ़ा लो यह दिव्य-पुरुष नहीं मरेगा।
- सपने में आने वाले दिव्य-पुरुष ने न केवल बैटिल पहाड़ पर जाने का मार्गही बतलाया था बल्कि यह भी बतलाया कि इस स्थान पर सोने की खान है .
- लोग ईश्वर के भेजे दिव्य-पुरुष को फूलों के बोझ तले दम तोड़ने को विवश कर देते थे , जबकि अपनी ओर से वे उसका सत्कार कर रहे थे।
- सुन्दर शब्दो ! तुम मात्राओं के फीतों से बंधे मज़दूरों की भांति न आना तुम 'गगनमै थाल'¹ गाते हुए आना या आना किसी दिव्य-पुरुष के तीर की तरह...