दिव्यरस का अर्थ
[ diveyres ]
दिव्यरस उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- एक सफेद, बहुत वजनी और चमकीली धातु जो साधारणतः द्रव रूप में रहती है:"पारा ही एक ऐसी धातु है जो द्रव अवस्था में पायी जाती है"
पर्याय: पारा, पारद, पारत, रुद्ररेता, अमर, रसपति, रसनाथ, रसनायक, शंभुतेज, शम्भुतेज, शिववीय, रेत, रेतस्, सिंधुज, सिन्धुज, सिद्धधातु, महातेज, स्कंदशक, स्कन्दशक, मुकुंद, मुकुन्द, जैत्र, शंकरशुक्र, अवित्यज, मृत्युनाशक, रसधातु, अशोक, महारस, पर्वतोद्भव, सर्व
उदाहरण वाक्य
- सहसा मेरी जीभ तालुप्रदेश में लगी और मुझे दिव्यरस का आस्वाद मिलने लगा ।
- तब उनके बारे में तो कहा ही क्या जाए जो आध्यात्मिक शक्ति से अपने मन के सभी बुरे व्यसनों को त्याग चुके हैं और काल से भी मुक्त हो चुके हैं , वे आपकी वास्तविक प्रकृति को पूज सकते हैं , हे परमेश्वर , और ऐसा करते हुए वे निरंतर दिव्यरस को प्राप्त होते हैं।