दिव्यपुरुष का अर्थ
[ diveypurus ]
दिव्यपुरुष उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- वह व्यक्ति जो लौकिक न हो, बल्कि जिसके स्वर्गीय होने की कल्पना की गयी हो:"देवी, देवता आदि दिव्य-पुरुष हैं"
पर्याय: दिव्य-पुरुष, दिव्य पुरुष
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- दिव्यपुरुष विष्णु ने एक गहन दृष्टि से सम्ब को
- दिव्यपुरुष शिव के अर्ध्दनिलमित नेत्र रत्न जटित एवं स्वर्ण
- उन्होंने बाबा से पूछा , दिव्यपुरुष की प्राप्ति का सरल साधन क्या है।
- उन्होंने बाबा से पूछा , दिव्यपुरुष की प्राप्ति का सरल साधन क्या है।
- देवता और दिव्यपुरुष नहीं , साधारण और अन्तर्विरोधों से भरे लोग ही साहित्य रचते हैं।
- किसी दिव्यपुरुष की तरह छै बाहुधारी होता तो सोचो , खुजलाने का कितना महीन, मार्मिक आनन्दलोक होता..
- बाबा ने बताया , जिसने अभ्यासमय जीवन बिताया, उसी ने दिव्यपुरुष, अर्थात परमात्मा रूपी परमानंद की प्राप्ति की।
- इसमें चार अंक , मुख, प्रतिमुख तथा निर्वहण नामक तीन संधियाँ एवं इतिहास प्रसिद्ध मनुष्य अथवा दिव्यपुरुष नायक होता है।
- यह नहीं भूलना चाहिए कि लेखक भी सबकी तरह अंतत : मिट्टी के माधव ही होते है , देवता या दिव्यपुरुष नहीं।
- और फिर एक गहरा भाव रह जाता है कि एक दिन यह दिव्यपुरुष ऐसे ही आंखों से ओझल हो जाएगा और मैं खड़ी - खड़ी ऐसे ही देखती रह जाऊंगी।