बयारि का अर्थ
[ beyaari ]
बयारि उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- प्रायः सर्वत्र चलता रहने वाला वह तत्व जो सारी पृथ्वी पर व्याप्त है और जिसमें प्राणी साँस लेते हैं:"हवा के अभाव में जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती"
पर्याय: हवा, वायु, पवन, अनिल, मरुत्, पौन, बयार, समीर, पवमान, अजिर, अध्यर्ध, वहति, प्राणंत, प्राणन्त, धूलिध्वज, संचारी, सञ्चारी, तलुन, फणिप्रिय, पृषदश्व, तन्यतु, मेघारि, जगद्बल, जगदायु, वृष्णि, शार, शीघ्रग, शीघ्रपाणि, तीव्रगात, प्रजिन, मृगवाहन, आकाशचारी, घनवाह, आकाशवायु, आशुग, आशुशुक्षणि, आशर, निघृष्व, धारावनि, विधु, ईरण
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- मूरति जोही । लागिहि ताति बयारि न मोही।।
- घाम सों बामलता मुरझानी , बयारि करैं घनश्याम दुकूल सों
- घाम सों बामलता मुरझानी , बयारि करैं घनश्याम दुकूल सों
- कवि गंग तेरे बल को बयारि लगे
- उठत लपाके खूब झोंकन बयारि डोले ,
- तिनका बयारि के बस / हरिदास
- जा दिन बहै बयारि , टूटि तब जर से जैहे ।।
- जा दिन बहै बयारि टूटि तब जर से जैहै कह गिरधार कविराय छाँह मोटे की गहिए।
- जा दिन बहै बयारि टूटि तब जर से जैहै कह गिरधार कविराय छाँह मोटे की गहिए।
- बांका करि सकै चहै जग बैरी होय।।१६। जा दिस बहै बयारि , ताहि दिस टटवा दीजै।१७। जो पढ़त