तार्क्ष्य का अर्थ
[ taareksey ]
तार्क्ष्य उदाहरण वाक्य
परिभाषा
संज्ञा- दो या चार पहियों की एक प्रकार की पुरानी सवारी गाड़ी जिसे घोड़े खींचते हैं:"महाभारत के युद्ध में भगवान कृष्ण अर्जुन के सारथी बने और उनका रथ हाँका"
पर्याय: रथ, चक्रपाद, चक्रचारी, वरूथी, वीरवह, आचरण - सरीसृप वर्ग का एक रेंगने वाला पतला और लंबा जीव जिसकी कई जातियाँ पायी जाती हैं:"प्रायः आई आई टी बॉम्बे में कई तरह के ज़हरीले साँप रेंगते हुए देखे जा सकते हैं"
पर्याय: साँप, सर्प, अहि, भुजंग, उरंग, व्याल, सारंग, विषधर, अघविष, पन्नग, अनिलाशी, अपत्यशत्रु, फुनिंग, दीर्घपृष्ठ, विषदंतक, शेव, विषदन्तक, दीर्घरसन, फणधर, विषानन, श्वसनाशन, श्वसनोत्सुक, दृक्कर्ण, द्विरसन, त्सरु, लांगली, भुअंग, भुअंगम, कर्कटी, फणिक, फणी, प्रबलाकी, पुलिरिक, मारुताशन, लेलिहान, प्रवलाकी, लेलिह, आशीविष, आभोग, पवनाशी, पवनाश, पवनाशन, कुंडली, कुण्डली - धर्म-ग्रंथों के अनुसार एक देवता जो सूर्य के सारथी हैं:"अरुण कश्यप मुनि के पुत्र हैं"
पर्याय: अरुण, अरुन, काश्यप, रवि सारथी, अनूरु, अजंघ, काश्यपि, प्लवग, विवस्वान, वैनतेय, रमण - / चैतन्य महापुरुष के शरीर से स्वर्ण जैसी आभा निकलती थी"
पर्याय: सोना, स्वर्ण, कंचन, हेम, कनक, सुवरन, कांचन, सुवर्ण, कञ्चन, काञ्चन, अभ्र, हिरण्य, वरवर्ण, शातकुंभ, शातकुम्भ, शातकौंभ, शातकौम्भ, शुक्र, त्रिनेत्र, चामीकर, पुरुद, ज़र, वर्णि, अर्ह, अवष्टंभ, अवष्टम्भ, श्रीमत्कुंभ, श्रीमत्कुम्भ, रसविरोधक, रंजन, रञ्जन, मनोहर, शतकुंभ, शतकुम्भ, हाटक, शतकौंभ, शतकौंभक, शतकौम्भ, शतकौम्भक, शतखंड, शतखण्ड, भद्र, अश्मकर, अष्टापद, मरुत्, दत्र, आग्नेय, वसु, गारुड़, तामरस, गोल्ड, अग्नि - सींगरहित एक चौपाया जो गाड़ी खींचने और सवारी के काम में आता है:"राणा प्रताप के घोड़े का नाम चेतक था"
पर्याय: घोड़ा, अश्व, केसरी, केशरी, तुरंग, तुरग, मराल, हयंद, हय, केशी, केहरी, तुरंगम, घोटक, घोट, तारखी, पेलि, युयु, अलल्लाँ, परुद्वार, पेली, वृषल, वृषण, शिखी, रैवंता, अमृतसहोदर, अर्घ, अरघ, अर्वण, अलल्लां, वातप्रमी, माषाश, श्रीपुत्र, होबार, ययु, ययी, शालिहोत्र, प्रयोग - दारुहल्दी की जड़ और लकड़ी के रस को गाढ़ा करके बननेवाली एक औषध:"रसराज का सेवन कई शारीरिक रोगों में किया जाता है"
पर्याय: रसराज, रसौत, रसाग्रज, रसोद्भूत, रसोद्भव, रसोत, रसवत, रसांजन, रसाञ्जन, रसाग्य, तार्क्ष्यज, तार्क्षज, तार्क्ष्यशैल, सर्व - पुराणों में वर्णित भगवान विष्णु का वाहन एक पक्षी:"गरुड़ भगवान विष्णु के परम भक्त भी हैं"
पर्याय: गरुड़, गरुण, अरुणाग्रज, अमृताहरण, पत्ररथेंद्र, पत्ररथेन्द्र, शाल्मली, अरुण, अरुन, द्विजपति, द्विजेंद्र, द्विजेन्द्र, द्विजेश, पतंगेंद्र, पतगेंद्र, पतगेन्द्र, वज्रजित्, पत्रतिराज, सर्पारि, नीलच्छद, हेमांग, तार्क्ष - साल नामक पेड़ की जाति का एक पेड़:"इस जगह पर तार्क्ष्यप्रसव की अधिकता है"
पर्याय: तार्क्ष्यप्रसव
उदाहरण वाक्य
अधिक: आगे- इसका एक नाम तार्क्ष्य भी है .
- तार्क्ष्य की पीठ पर एक तारा है ,
- वीणा बजती है और उस तट पर तार्क्ष्य अपने पंख पसारे
- वो तार्क्ष्य कश्यप थे जिन्होंने विनीता कद्रू , पतंगी और यामिनी से विवाह किया था।
- वो तार्क्ष्य कश्यप थे जिन्होंने विनीता कद्रू , पतंगी और यामिनी से विवाह किया था।
- प्रथम सोना , चांदी एवं ताम्बा का भष्म , तथा दूसरा वज्र , मोती एवं तार्क्ष्य का भष्म।
- तार्क्ष्य की पीठ पर एक तारा है , ' श्रवण नक्षत्र ! ' यह विष्णु के परम पद का प्रतीक है।
- एक ध्यान तरंगायित विरजा नदी , जिसके इस तट पर नारद की वीणा बजती है और उस तट पर तार्क्ष्य अपने पंख पसारे विचरण करता है।
- अभी ऊपर के “ त ” के विवेचन से यह स्पष्ट हो गया होगा कि “ त ” का अर्थ तार्क्ष्य अर्थात वीर्य से है .
- कहते है कि उत्तरा के गर्भ में परीक्षित क़ी रक्षा करने के लिये भगवान वासुदेव गर्भ में घुस कर अश्वत्थामा के तार्क्ष्य अस्त्र के प्रभाव से बचाने के लिये पुन्जिका शंख को उत्तरा के सिरहाने रख कर उसकी रक्षा करते रहे .